Tuesday 11 July 2023

इन्फ्लुएंजा बी वायरस H3N2


इंफ्लुएंजा H3N2 वायरस



इन्फ्लुएंजा बी वायरस एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इंसानों और लोगों में हो सकता है। ये वायरस फ्लू की तरह काम करता है और शायद इसे आपने फ्लू की बीमारी से पहले भी गुजारा हो। इन्फ्लुएंजा बी वायरस से संक्रमित होने से आपको बहुत असहज महसूस होता है और इसमें आपको कोई तरह के लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

 इन्फ्लुएंजा बी वायरस के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

 बुखार

 सरदी

 खांसी

 दर्द

 ठकान

 यादी आपको कुछ दिनों से ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको किसी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यादी आपको इन्फ्लुएंजा बी वायरस की डायग्नोसिस हो जाती है, तो आपको इसके इलाज के लिए डॉक्टर के द्वारा प्रिस्क्राइब किए गए एंटी-वायरल मेडिसिन लेनी चाहिए और खुद को रेस्ट करने और हाइड्रेटेड रखने की जरूरत है।

 इस बीमारी से बचने के लिए, आपको कुछ सुरक्षित रहने के उपाय अपने की जरूरत है। जैसे की, अपने हाथों को साफ रखना, सुरक्षित खाना खाना, और खुद को और दूसरों को बीमारी से बचाने के लिए मास्क पहनना.

 इन्फ्लुएंजा बी वायरस की रोकथाम के लिए, फ्लू शॉट (वैक्सीन) लेने की सलाह दी जाती है। क्या वैक्सीन के द्वारा, आपके शरीर को इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लड़ने के लिए इम्युनिटी पावर मिलती है।

 इन्फ्लुएंजा बी वायरस एक गंभीर बीमारी हो सकती है, इसे अगर आपको इसकी कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरत किसी डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

आपको इन्फ्लुएंजा के लक्षण हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर इन्फ्लुएंजा की पुष्टि करेंगे और उपचार के लिए सलाह देंगे।

कुछ सामान्य सलाह निम्नलिखित हो सकती हैं:

    अवकाश लें: इन्फ्लुएंजा से पीड़ित व्यक्ति को बहुत आराम लेना चाहिए ताकि उनकी बॉडी को अपनी ऊर्जा से संग्रहित करने में मदद मिल सके।

    दवाएं: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का सेवन करना आवश्यक हो सकता है। अन्य दवाओं के साथ-साथ, एंटीवायरल और एंटीबायोटिक दवाएं भी ली जा सकती हैं जो आपको संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।

    हाइड्रेशन: इन्फ्लुएंजा से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा पानी पीना चाहिए ताकि उनकी बॉडी को तरल पदार्थों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिले।

    सुरक्षा के उपाय: इन्फ्लुएंजा से बचने के लिए आपको अन्य लोगों से अलग रहना चाहिए। आपको आपके मुंह और नाक को

विशेषज्ञों की सलाह इन्फ्लुएंजा के लिए निम्नलिखित हो सकती है:

    टीकाकरण: इन्फ्लुएंजा वायरस से बचाव के लिए, आपको हर साल फ्लू टीका लगवाना चाहिए। यह टीका आपको वायरस से बचाने में मदद कर सकता है।

    हाथ धोना: इन्फ्लुएंजा वायरस संक्रमण से बचने के लिए, आपको नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए। हाथ धोने से आप वायरस से संक्रमण को रोक सकते हैं।

    स्वस्थ आहार: आपको स्वस्थ आहार लेना चाहिए जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा। आपको फल, सब्जियां, अंडे, दूध, दही, नट्स, सबूत अनाज जैसे पदार्थ लेने चाहिए।

    संक्रमण से दूर रहें: अन्य लोगों से संपर्क से बचें जो संक्रमित हैं या अस्वस्थ हैं। वायरस वाले संक्रमित व्यक्तियों के पास ना जाएं और लोगों से कम संख्या में मिलें।

    स्थान से दूर रहें: भीड़ भरी जगहों से दूर रहें जहां संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

आयुर्वेद में इन्फ्लुएंजा के लिए कुछ घरेलू और प्राकृतिक उपचार होते हैं जो आपकी सेहत को सुधार सकते हैं।

    तुलसी और हल्दी का काढ़ा: इन दो चीजों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। तुलसी और हल्दी का काढ़ा अच्छी तरह से उबालें और इसे दिन में कई बार पिएं।

    आंवला: आंवला में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है जो आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। आंवला के छोटे-छोटे टुकड़ों को गर्म पानी में भिगो कर उबालें और इसे दिन में कुछ बार पिएं।

    गुड़: गुड़ इन्फ्लुएंजा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसे गरम दूध में मिलाकर पिएं।

    सौंफ: सौंफ में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो इन्फ्लुएंजा से लड़ने में मदद करते हैं। इसे गरम पानी में भिगोकर पीने से आपकी सेहत में सुधार हो सकता है।

    लेमन ग्रास: लेमन ग्रास में एंटीवायरल गुण होते हैं।

होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है और रोग के लक्षणों को संभालता है। होम्योपैथी में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को होम्योपैथिक दवाएं कहा जाता है। इन दवाओं का उपयोग इन्फ्लुएंजा जैसे वायरल संक्रमण के उपचार में भी किया जाता है।


होम्योपैथी में इन्फ्लुएंजा के उपचार के लिए निम्नलिखित दवाएं सम्मिलित होती हैं:

    बेलाडोना: यह दवा इन्फ्लुएंजा के लक्षणों को बहुत हद तक कम करती है। यह श्वसन को सुधारने में मदद करती है और बुखार को भी कम करती है।

    अर्सेनिक एल्बम: इस दवा को इन्फ्लुएंजा के लक्षणों जैसे बुखार, थकान और गले में सूजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

    गेल्सेमियम: यह दवा इन्फ्लुएंजा के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करती है और श्वसन को सुधारती है।

    ब्रायोनिया: यह दवा इन्फ्लुएंजा के लक्षणों के लिए इस्तेमाल की जाती है।